प्राण प्रतिष्ठा
प्राण प्रतिष्ठा
सौगंध सनातन धर्म की पूर्ण हुई है आज
पांच सदी के बाद फिर हुआ है सिंहनाद।
आताताई अनेक ने किया क्रूर अट्टहास
कहें राम किवदंतियां, नहीं हमें विश्वास।
दी आहुति प्राण की, थे अनगिनत दीवाने लोग
किया अथक प्रयास तब बना सफल ये योग।
भव्य भवन निर्माण कर किया धर्म सम्मान
स्वर्ण रजत माणिक सहित बना प्रभु का धाम।
प्राण प्रतिष्ठा आज भई अवध पुरी में धूम
नगर नगर दीपावली जन जन रहा है झूम।
देख छवि श्रीराम की, मन में भरा उल्लास
रूप सुहाना श्यामला, नयनन प्रेम विश्वास।
काट नया बनवास फिर पुनः विराजे आज
भारत में एक बार फिर आया राम का राज।
कण कण से गूंजे धरा सब दिस राम पुकार
रामराज्य स्थापित किया फिर नरेंद्र ने आज।
आभार – नवीन पहल – २२.०१.२०२४ 🙏💞
# दैनिक प्रतियोगिता हेतु कविता
Reyaan
23-Jan-2024 10:26 PM
V nice
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Varsha_Upadhyay
23-Jan-2024 05:00 PM
बहुत खूब
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Gunjan Kamal
23-Jan-2024 02:47 PM
👏👌
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